गाँव दाङनू धर्मशाला हिमाचल प्रदेश (प्रकृति के अधिक करीब एक अनछुआ एहसास)


=>गाँव दाङनू धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश 
प्रकृति के अधिक करीब एक अनछुआ एहसास ।

आज हम आपको बताने जा रहे है गाँव दाङनू और प्रकृति के काफी करीब एक प्यारे से गाँव और शहर से अलग एक सुन्दर गाँव दाङनू के बारे में।  
                              गाँव दाडनू, धर्मशाला में एक बहुत ही खूबसूरत गाँव है। यहां की हरियाली, खेत-खलिहान और छोटे-छोटे पानी के स्त्रोत इस गाँव की शोभा को ओर भी बढ़ा देते है। धौलाधार पर्वत शृंखला से निकलती हुई जल धाराएं इस गाँव के साथ बहते हुए छोटे-छोटे झरनों के रूप में एक विशाल नदी तथा बांध का निर्माण करती है। इस गाँव से आप पूरे धर्मशाला और जिला कांगङा(हि•प्र•) की कुछ सीमाओं को देखने का आनंद भी ले सकते हो। इस गाँव के लोग प्राय गदियालि तथा काँगङी दोनों भाषाओं में आपस में बातचीत करते है। यूं कहा जाए तो इन दोनों भाषाओं को यहां पर वरीयता देते है। गदियालि तथा काँगङी यहां की मुख्य भाषा है। गाँव में भेड़-बकरी, गाय तथा पालतू पशुओं एवं खेतों से भी लोग यहां पर आजीविका चलाते है। यह गाँव बेहद ही समृद्ध सुखी एवं संपन्न गाँव है। ख़ासकर धर्मशाला में पर्यटन को ओर भी बढावा दे रहा है। बहुत ही खूबसूरती से इस गाँव का जिक्र यहां आने वाले पर्यटकों की जुबान में रहता है। इसके करीब इंद्रुनाग देवता जी का मंदिर है जिसे बारिश के देवता की संज्ञा दी गयी है। इस गाँव में पैराग्लाइडिंग भी की जाती है और विशेषकर यहां पर बहुत दूर-दूर से सैलानी पैराग्लाइडिंग करने के लिए यहां पर आते है। 
Picturesque View of Village-Darnu

=>साहसिक खेलों से भरी है यह जगह। 
गाँव दाङनू में पैराग्लाइडिंग लैङिग साईट है। इंद्रुनाग से प्राय सैलानी टेकआफ करके यहां पर उतरते(landing) है। पास ही इंद्रुनाग से तथा इस गाँव के बीचो-बीच से होते हुए कई साहसिक खेलों का आनंद भी ले सकते हो, जिसमें शामिल है-एटीवी(ATV riding) सवारी, पैराग्लाइडिंग, जिपलाईन और बहुत सारे ट्रैक भी इसमें शामिल है। यहां से आप इंद्रुनाग होते हुए त्रियुङ (Triund) ट्रैक भी जा सकते हो। जो कि ट्रैकर तथा सैलानियो की पूरा साल काफी पसंद बना रहता है। इस गावँ में प्रवेश करते ही आप शहर की भीड़भाड़ को भूलकर यहां पर दोबारा से एक गाँव की जिंदगी ka एहसास करोगे।
 
Majestic view of Darnu village.

=>धर्मशाला (हि•प्र•)से इस स्थान की दूरी-
जब भी आप धर्मशाला को किसी भी राज्य से आ रहे हो तो धर्मशाला से इस जगह की दूरी लगभग 3-4 किलोमीटर है। बस स्टैंड से यहां की दूरी लगभग 1-2 किलोमीटर है। 

=>अब बात करते है इस स्थान पर कैसे पहुंचे -
धर्मशाला की कुल दूरी दिल्ली से 469 किलोमीटर है। चङीगढ से धर्मशाला की कुल दूरी 239 किलोमीटर है। 

=> रेलमार्ग द्वारा-
यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट है। आप दिल्ली से पठानकोट के लिए ट्रेन द्वारा बड़ी आसानी से आ सकते हो और पठानकोट की कुल दूरी धर्मशाला जाने के लिए 85 किलोमीटर है। जिसमें आप अपने वाहन तथा सार्वजनिक वाहन में भी यहां पर बहुत आसानी से पहुंच सकते है। 

=>अन्य रेलमार्ग, काँगङा-
यहां से काफी करीब काँगङा रेलमार्ग है। जो नैरो गेज(narrow gauge) रेलमार्ग है। पठानकोट से आप अलग ट्रेन लेके यहां पर पहुंच सकते है। इस स्टेशन में समय पर ही ट्रेन चलती है तो पूछताछ कार्यालय में जाकर आप ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करें और इस रेलमार्ग में पूछताछ करके ही आए। सबसे बेहतरीन रेलमार्ग आपको पठानकोट रेलमार्ग ही रहेगा। 

=>हवाई जहाज की यात्रा करके-
यहां का नजदीकी हवाई -अड्डा गगल एयरपोर्ट काँगङा में स्थित है। तो आप दिल्ली से गग्गल एयरपोर्ट को हवाई यात्रा करके बहुत ही आसानी से यहां पहुंच सकते है। धर्मशाला से गगल एयरपोर्ट की कुल दूरी 13 किलोमीटर हैं। आप एयरपोर्ट से टैक्सी करके यहां पर बहुत ही आसानी से पहुंच सकते है। आप चाहे तो सार्वजनिक वाहन से यहां पर आ सकते है। 

=> बस और टैक्सी द्वारा-
बस और टैक्सी द्वारा भी आप गगल एयरपोर्ट तथा पठानकोट स्टेशन से आ सकते है। धर्मशाला शहर बस और टैक्सी से पूर्ण रूप से जुड़ा हुआ है जिसमें सुविधा के मुताबिक आपको हर चीज़ मिल जायेगी। 

=>रहने और खाने की व्यवस्था या कहाँ ठहरे-
रहने के लिए आपको धर्मशाला सिटी और इसके करीब बहुत सारे होटल मिल जायेंगे। इसके अलावा यहां पर नजदीकी ही हिमाचल टूरिज्म की तीन होटल है। जहां पर आप ऑनलाइन बुकिंग करवाके अलग-अलग दरों या रेंट में रह सकते हो। इन तीन होटल में है-
1.Hotel The Kashmir House.
2.Hotel The Kunal
3.Hotel The Dhauladhar 

=>कब पहुंचे-
यहां पर बरसात को छोडकर आप किसी भी मौसम में यहां आ सकते है। बरसात के समय यहां पर रास्ते चुनौतीपूर्ण होते है। बरसात के समय यहाँ आने से बचे।

=> सर्दी में-
सर्दी में यहां अधिक बर्फबारी वाले स्थानो पर जाने से बचे। खासकर सर्दियों में ज्यादा बर्फबारी वाले स्थानो पर ट्रेकिंग करने न जाये।  
                    इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए आप अपने सफर को अधिक आनन्दमय बना सकते हो। गाँव दाङनू के ये बेह्तरीन नज़ारे आपको एक अलग एहसास दिला देंगे। आप भी प्रकृति के रंगों में अपने आप को अधिक करीब से देखेंगे। 
      Thanks by Rajat Travelogue(The Himalayan 🐅Tiger)

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